उद्योग शून्य जिले में व्यापार को बढ़ाने केे लिए व्यापारी निर्धारित कर प्रक्रिया में सरलीकरण चाहते हैं। कर प्रक्रिया के दौरान कर विभागों की कार्यशैली से जहां उनमें आक्रोश है वहीं सरकार द्वारा बजट में मझोले व्यापारियों के लिए कोई ठोस पहल नहीं किए जाने से असंतोष भी है। केंद्र सरकार के आने वाले बजट से छोटे बड़े सभी व्यापारी राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं।
औद्योगिक क्षेत्र में पछड़े जिले में व्यापार करने वाले छोटे बड़े सभी व्यापारी सरकार की कर प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए। छोटे और मझोले व्यापारियों को करों की दरों से राहत मिलनी चाहिए। जीएसटी में पंजीकरण कराने की प्रक्रिया में भी छोटे और मझोले व्यापारियों को सुविधा दी जानी चाहिए।
छोटे व्यापारियों को कर प्रक्रिया में सुविधा मिलनी चाहिए। छापा और सर्वे के दौरान कर अधिकारियों द्वारा अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
प्रवीन भंसाली, सदर बाजार
वाणिज्य कर विभाग और जीएसटी में पंजीकरण कराने केे लिए छोटे और मझोले व्यापारियों को छूट दी जानी चाहिए। उनसे बड़े व्यापारियों की तरह कर वसूली नहीं होनी चाहिए।
सब्बन बाबा, लेनगंज
व्यापारियों को करदाता होने के कारण सम्मान दिया जाना चाहिए। कर कार्यालयों में उनकी बात और समस्या सम्मानपूर्वक सुनकर उसका निदान होना चाहिए।
विनोद कुमार, कटरा
बजट में सरकार हर बार कर तो बढ़ाती है, लेकिन व्यापारियों को कोई सुविधा नहीं देती है। बजट से हर वर्ग के व्यापारी को इस बार भी राहत की उम्मीद है।